Monday, April 9, 2012

शाम के लम्हे

हम उनमे से नहीं हैं..
जिन्हें शराब सोने को चाहिए..
करे असर जरा भी अगर वो जाम
तो बस हमें खोने को चाहिए….


दो पल साकी को याद किया..
तीन तुम्हे…
हम तो ऐसे ही हैं...
चाहें के,
ऐसे लम्हे बार बार आयें
और उन्ही लम्हों में
खुद को डबोने को चाहिए….. 

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